Friday 19 June 2015

वन्य जीवों से सम्बन्धित महत्वपूर्ण बिन्दू

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> सन् 1972 में वन्य जीवों के संरक्षण के लिए अधिनियम बनाया गया, जिसकें अन्तर्गत राजस्थान में 33 आखेट निषिद्ध क्षेत्र घोषित किए गए।
> सन् 2004 में वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए नेचर गाई पॉलिसी बनाई गई, जिसे 2006 में जारी किया गया था।
> राजस्थान में पहला वन्यजीव संरक्षण अधिनिमय, 1950 बनाया गया।
> वर्तमान में 1972 का अधिनियम लागू हैं।
> 1972 का अधिनियम राजस्थान में सन् 1973 में लागू हुआ।
> उत्तर भारत का पहला सर्प उद्यान कोटा में स्थापित हैं।
> डॉक्टर सलीम अली पक्षी विशेषज्ञ हैं।
> स्लीम अली इन्टरप्रिटेशन सेंटर केवलादेव अभयारण्य में स्थापित हैं।
> राजस्थान में लुप्त होने वाले जीवों में पहला स्थान गोड़ावन का, डॉल्फिन मछली का, बाघों का हैं।
> सर्वांधिक लुप्त होने वाली जीवों का उल्लेख रेड डाटा बुक में, संभावना वाले येलो बुल में में उल्लेखित किये जाते हैं।
> कैलाश सांखला टाईगर मैन ऑफ इण्डिया जोधुपर के थे।
> पुस्तक:- रिर्टन ऑफ द टाईगर, टाईगर
> बाघ परियोजना कैलाष सांखला ने बनाई थी।
> वन्य जीव सीमार्ती सूची 42 के अंतर्गत आते हैं।
> सन् 1976 के संशोधन के द्वारा इसे सीमावर्ती सूची में डाला गया हैं।
> राजस्थान में जोधपुर पहली रियासत थी जिसने वन्य जीवों को बचाने के लिए कानून बनाया।
> पहला टाईगर सफारी पार्क रणथम्भौर अभयारण्य में स्थापित किया गया था।
> वन्य जीवों की संख्या की दृष्टि से राजस्थान का दूसरा स्थान हैं।
> सर्वांधिक वन्यजीव असम में हैं।
> बीकानेर, जैसलमेर व बाड़मेर में गोड़ावन पक्षी सर्वांधिक पाये जातें हैं। सबसे अधिक जैसलमेर में पाये जाते हैं।
> सर्वांधिक कृष्ण मृग डोलीधोवा (जोधपुर व बाड़मेर) में पाये जाते हैं।

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